राजस्थान की प्रमुख बावडिया
राजस्थान का एक बड़ा भाग मरुस्थलीय है , संभवत इसी कारण यहाँ जल स्थापत्य का विकास हुआ है ।
यहाँ के जल स्थापत्य में कुए , कुंड ,बावडिया व टंका का निर्माण हुआ है। इनके निर्माण मे उपयोगिता,
के साथ ही सौंदर्य का भी विशेष ध्यान रखा गया है। राजस्थान में अधिकांश बावड़ियों रानियों ,
राजमाताओ व श्रेस्ठी वर्ग द्वारा बनवाई गई है।
-: राजस्थान बावडियो का शहर - बूंदी
-: बावड़ियों की स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध - शेखावाटी व बूंदी
-: राजस्थान में बावड़ी खोदने की परंपरा की शुरुआत शक जाती द्वारा की थीं।
-: राजस्थान में सर्वाधिक बावड़िया जोधपुर व जालोर में है।
क्र. न | बावड़ियों के नाम | स्थान |
1. | तुल्सयानो की बावड़ी | झुंझनू |
2. | खेतानो की बावड़ी | झुंझनू |
3. | जालरा बावड़ी | सीकर |
4. | सेठानी का जोहड़ा | चूरू |
5. | भीकाजी की बावड़ी | अजमेर |
6. | हाड़ी रानी की बावड़ी | टोडारायसिंह ( केकड़ी ) |
7. | ख्वाजा बावड़ी | टोंक |
8. | चमना बावड़ी | शाहपुरा |
9. | बाई राज की बावडी | बनेड़ा (शाहपुरा ) |
10. | चौखी बावड़ी | बनेड़ा (शाहपुरा ) |
11. | फूल बावडी | छोटी खाटू ( डीडवाना - कुचामन ) |
12. | दूध बावडी | माउंट आबू ( सिरोही ) |
13. | तापी बावडी | जोधपुर |
14. | हर्बोला की बावडी | जोधपुर |
15. | चाँद बावड़ी | जोधपुर |
16. | बातुड़ा का कुआ | बायतु , बलोतरा |
17. | कांतन बावड़ी | ओसिया , ग्रामीण जोधपुर |
18. | चौतीना का कुआ | बीकानेर |
19. | त्रिमुखी बावड़ी | देबारी , उदयपुर |
20. | खातन बावड़ी | चित्तौरगढ़ दुर्ग |
21. | घोसुण्डा बावड़ी | चित्तौरगढ़ |
22.
| जाली बाव बावड़ी | खुम्भलगढ़ ( राजसमंद ) |
23. | नौलखा बावड़ी | डूंगरपुर |
24. | चाँद बावड़ी | आभानेरी , दौसा |
25. | बड़गांव की बावड़ी | कोटा |